गुरुवार, फ़रवरी 28, 2008

अगले हार्ट अटैक का इंतजार मत करिए...

डॉक्टर साहब मेरे पापा को एक बार गहरा हार्ट अटैक आ चुका है और बड़ी मुश्किल से उनकी तबियत में सुधार हुआ है । मैं चाहती हू कि आप कोई ऐसा उपचार बतायें कि दोबारा हार्ट अटैक का खतरा न हो तथा पापा स्वस्थ रह सकें । पैसे की चिन्ता न करें कितना भी खर्च हो चलेगा । उनकी रिपोर्ट आपको भेज रही हूं जो कि अभी एक माह पहले निकाली गयी हैं जब उन्हें दिल का दौरा आया था ।
प्रिया सोनकर ,झांसी
प्रिया जी आपके पापा की रिपोर्ट से वास्तव में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है और न ही मैं एलोपैथिक निदान यानि डायग्नोसिस पर यकीन रखता हूं क्योंकि यदि डायग्नोसिस एलोपैथी के अनुसार हो और उपचार आयुर्वेद से तो भ्रम पैदा होना स्वाभाविक है । इसलिये आपने जो लक्षण विस्तार से अपने सवाल में लिखे हैं उनके आधार पर आपके पापा के स्वास्थ्य के प्रति आपको आश्वासन दिला सकता हूं कि अब उन्हें कभी दिल का दौरा नहीं पड़ेगा और उनका दिल एकदम स्वस्थ रहेगा । यह गारंटी मैं आयुर्वेद के प्रति विश्वास के आधार पर दिला रहा हूं । आपके पापा को निम्न दवाओं का सेवन लगातार छह माह तक कराइए और आयुर्वेद के गुण गायें -
१. वृहत वात चिन्तामणि रस ५ ग्राम + अकीक पिष्टी १० ग्राम + श्रंग भस्म १० ग्राम + मुक्ता पिष्टी १० ग्राम + गिलोय(गुळवेल) सत्व १० ग्राम , इन सबको मिला कर दो-दो रत्ती(२५० mg) की पुड़िया बना लें । सुबह शाम नाश्ते के बाद "खमीरागांवजबां" के एक चम्मच के साथ सेवन कराइए ।
२ . अर्जुन की छाल का चूर्ण १०० ग्राम + पोहकर मूल ५० ग्राम + लहसुन(सूखा) ५० ग्राम + मुलैहठी ५० ग्राम + शिलाजीत ५० ग्राम + दशमूल का चूर्ण ५० ग्राम को पीसकर मिला कर रखें और इस मिश्रण को "अर्जुनारिष्ट"के दो चम्मच के साथ सुबह शाम नाश्ते के बाद सेवन कराइए ।
३ . मिश्री १६०ग्राम + वंशलोचन ८० ग्राम + पीपर(छोटी या लेंडी पीपर भी कहते हैं) चूर्ण ४० ग्राम + दालचीनी १० ग्राम + छोटी इलायची के दाने २० ग्राम + गिलोय सत्व १० ग्राम + श्रंग भस्म १० ग्राम + पोहकर मूल ४० ग्राम ; इन सभी को भली प्रकार पिसवा कर सारे मिश्रण को २५० ग्राम शहद और ५०० ग्राम अर्जुन घृत में मिला कर अवलेह जैसा बना लें यह मिश्रण च्यवनप्राश की तरह से दिखेगा । इस मिश्रण की एक -एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम सेवन कराइए । यदि डायबिटीज(मधुमेह) है तो इस मिश्रण में मिश्री का प्रयोग न करें ।
यदि आप ये सब खुद न कर पाएं तो किसी भरोसेमंद वैद्य को उचित पारिश्रमिक देकर बनवा लीजिए क्योंकि हो सकता है कि आप घर पर पर सही मापतौल न कर सकें या मिश्रण बनाने में दिक्कत हो ।

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