बुधवार, अप्रैल 16, 2008

जोडों में सूजन है व चुभन जैसा दर्द होता है....

डा.साहब प्रणाम,पिछले दो माह से मेरे शरीर के लगभग सभी जोडों में सूजन है व चुभन जैसा दर्द होता है, चलते-फिरते नहीं बनता, खड़े होने तथा बिस्तर पर लेटने की स्थिति में पीड़ा जारी रहती है,सूजे हुए स्थान पर ऐसा लगता है कि बिच्छू ने डंक मार दिया है, मुंह से बदबू आती रहती है चाहे कितना भी अच्छा टूथपेस्ट क्यों न इस्तेमाल करूं, भोजन करने का मन ही नहीं करता है, मुंह में हमेशा लार सी बनती रहती है, शुरू में करीब बीस दिन तक तो हलका स बुखार रहता था जो कि एलोपैथिक दवा से ठीक हो गया लेकिन ये समस्या खत्म नहीं हो रही है। मेरी कपड़े की दुकान है तो दिन भर बैठा रहना होता है, व्यायाम के लिये समय ही नहीं मिल पाता है, क्भी-कभी बदन पर खुजली भी होती है। मुझे समझ में ही नहीं आ रहा कि मुझे ये क्या हो रहा है? मेहरबानी करके कोई उपाय बताइये।
राजेन्द्र मेहता,राजकोट
मेहता जी, आपकी बीमारी का कारण है आपका ऐसा आहार-विहार जिसमें कि शारीरिक श्रम शामिल नहीं है और आप व्यायाम भी नहीं करते हैं। आपको हुई बीमारी का नाम है "आमवात"। सबसे पहले आपके शरीर की शुद्धि के लिये लंघन, स्वेदन एवं विरेचन कराना होगा। पहले आप एक या दो दिन क्षमतानुसार उपवास करिये,दिन में बस दो चार फल खाइये; कोष्ठबद्धता दूर करने के लिये आप रात को एक गिलास हल्के गुनगुने मीठे दूध में दो चम्मच एरण्ड का तेल(castor oil) मिला कर पी लें जिससे कि सुबह दो-चार दस्त आकर पेट साफ हो जाएगा। स्वेदन के लिये रेत या बालू, राई, एरण्ड बीज, सैंधा नमक, इनकी पोटली बना कर गरम तवे पर रखें व सुहाता-सुहाता सा सेंक करें ध्यान रखिये कि ज्यादा गर्म न हो; हाथ, पैर, उंगली, कंधे, कमर सब जगह सेंक करें। वातवर्धक आहार से बचें, अरबी(घुइयां),आलू, गोभी, भिण्डी का सेवन न करें। पुराने गेंहू की रोटियां, मूंग की दाल, करेला, परवल, लहसुन, मेथी, चौलाई, बथुआ खाएं व दूध में सोंठ का चूर्ण मिला कर पिया करें। निम्न औषधियां लें---
१ . अग्नितुण्डी बटी १ गोली + शंख भस्म दो चुटकी + साथ लेकर दो चम्मच दशमूलारिष्ट के साथ लीजिये दिन में दो बार भोजन के बाद।
२ . महायोगराज गुग्गुलु २ गोली दिन में दो बार महारास्नादि काढ़े के साथ लीजिये।
३ . आमवातारि रस १ + त्र्योदशांग गुग्गुलु १ गोली दिन में तीन बार अश्वगंधारिष्ट के दो चम्मच के साथ लीजिये।
इस पूरे औषधिक्रम को लगातार दो माह तक लीजिये तथा भले ही दुकान तक पैदल जाएं अपने स्वास्थ्य के लिये इतना तो व्यायाम के तौर पर करिये ही अन्यथा दवाएं बंद करने पर पुनः रोग के लक्षण वापस आ सकते हैं। यदि औषधियों के संबंध में संबंधी कोई जानकारी लेनी हो तो निःसंकोच मुझे ई-मेल करें।

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