रविवार, अप्रैल 27, 2008

कृपया मेरी समस्याओ का निदान सुझाएं.....

डॉ. साहब मेरी आयु ३८ वर्ष है तथा मैं विवाहिता व दो बच्चो की माँ हूं। पिछले कुछ समय से मेरे बांये घुटने की दाहिनी तरफ की हड्डी में दर्द रहता है जो की पालथी मारकर बैठकर उठने के समय ज्यादा होता है चलते समय कड़क-कड़क की आवाज़ आती है मेरी माहवारी भी अनियमित ही गई है किसी किसी माह तो होती ही नही या बहुत ही कम होती है। मुझे सफेद पानी भी ज्यादा आता है व इस पानी के साथ गाढ़ा-गाढ़ा सा चिपचिपा सफेद पास जैसा पदार्थ निकलता है बाकि भूख-प्यास निद्रा पाखाना ठीक है। कृपया मेरी समस्याओ का निदान सुझाएं।
आपकी बहन सत्यवती
बहन जी,आपने जिस तरह के लक्षणों का वर्णन करा है उससे स्पष्ट होता है कि आप इन समस्याओं को काफी समय से झेल रही हैं। बिल्कुल निश्चिंत हो जाएं आपकी समस्या का हल लिख रहा हूं लेकिन ध्यान रहे कि आपके भीतर जो तमाम लक्षणों का एक समुच्चय बन गया है उसके उपचार के लिये आपको धैर्य रखना होगा तथा आप तत्काल ही तेल मसालेदार भोजन से परहेज़ रखना प्रारंभ कर दें, चाय व काफ़ी भी एकदम कम कर दें क्योंकि ये आपको नुकसान कर रहे हैं। बाजारू साफ़्ट ड्रिंक्स से सख्त परहेज करें, फ़्रिज का ठंडा पानी भी पीना आपके लिये हानिकारक हो सकता है। भोजन में हल्का यानि कि आसानी से हज़म होने वाला आहार लें, पुराना साठी का चावल, जौ, मूंग, परवल, लौकी, जीरा, धनिया, मिश्री तथा घी पथ्य है इन्हें भोजन में शामिल करके विविध व्यंजन बना कर सेवन करिये तो शीघ्र लाभ होगा। इन दवाओं का प्रयोग दिये निर्देशानुसार करिये--
१ . त्रिफला गुग्गुलु एक-एक गोली सुबह-दोपहर-शाम को गर्म जल से लीजिये।
२ . प्रदरान्तक रस १२५ मिग्रा + प्रदरान्तक लौह १२५ मिग्रा + कुक्कुटाण्डत्वक भस्म १२५ मिग्रा मिला कर शहद के साथ सुबह शाम लीजिये।
३ . चंद्रप्रभा वटी २ गोली + पुष्यानुग चूर्ण ५ ग्राम मिला कर अशोकारिष्ट के दो चम्मच के साथ दिन में दो बार लीजिये।
४ . घुटने में स्थानिक मालिश के लिये केरोसीन का तेल(जिसे घासलेट या मिट्टी का तेल भी कहते हैं) १०० मिली. + सैंधव नमक(जो उपवास में खाया जाता है) २० ग्राम बारीक पीस कर मिला कर एक सप्ताह कसकर शीशी का ढक्कन बंद करके तेज़ धूप में रख दें फिर प्रभावित स्थान पर हलके हाथ से मालिश करके घुटने को किसी कपड़े से लपेट लें ताकि हवा न लगे। मालिश सुबह स्नान के बाद व शाम को सूर्यास्त से पहले करें।
इस पूरे उपचार को कम से कम दो माह तक लीजिये अवश्य ही आराम होगा और फिर कभी समस्या वापिस न होगी।

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