गुरुवार, मई 15, 2008

मेडिकल सांइस का इससे बड़ा धोखा और क्या हो सकता है??????

my E.C.G. is diagnosed as complete heart block pl. advise desi treatment.
सुभाष शर्मा
सुभाष जी,मुझे आश्चर्य है कि आपका E.C.G. हार्ट में शत-प्रतिशत ब्लाकेज बता रहा है लेकिन आप न सिर्फ जीवित हैं बल्कि स्वयं मुझसे सलाह मांग कर इलाज भी चाहते हैं। आप क्या इस मेडिकल सांइस के धोखे को अब तक समझ नहीं पाए कि यदि आपका शत-प्रतिशत ब्लाकेज है तो आप कितनी देर तक जीवित रह सकते हैं। दरअसल होता ये है कि व्यवसायिक चिकित्सा से जुड़े लोगों के घर का चूल्हा तो आपके ही धन से जलता है, जीवन में धन से पूरी करी जाने वाली सारी जरूरतें आप ही अपने पैसे से पूरी करते हैं। एक बात ये लोग समझते हैं कि यदि मरीज को डराया नहीं जाए तो उससे पैसा आसानी से निकाला नहीं जा सकता। इसलिये यदि ब्लाकेज है और आपको तकलीफ़ है तो शत-प्रतिशत ब्लाकेज बता देने में हर्ज़ ही क्या है मरीज सुनते ही डर जाएगा फिर उसे बाईपास सर्जरी के लिए राजी कर लिया जाएगा, ऐसे में आप कर्ज़ लें या चोरी करें उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं होता। जैसे किराने की दुकान पर विक्रेता तराजू में हेराफेरी करके कम सामान तौल कर आपसे ज्यादा पैसा ले लेता है ठीक वैसी ही सोच इन व्यवसायिक चिकित्सकों की होती है। ये भी पैथोलाजिकल टैस्ट्स में हेराफेरी करवा के मनमाने रिजल्ट्स निकलवा लेते हैं क्योंकि पैथोलाजिस्ट, कैमिस्ट और डाक्टर सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे तो हैं। आप बिलकुल मत डरिये और नीचे लिखे उपचार को नियम से एक साल तक लीजिये और स्वस्थ होने के बाद जिस चिकित्सक नें आपको ऐसा बताया है उसे दिखाइये ----
१ . अर्जुन की छाल का जवकुट यानि मोटा-मोटा चूर्ण ३ ग्राम व २५ ग्राम मिश्री लेकर २५० ग्राम दूध में उबालें और इसी दूध का प्रतिदिन प्रातः व सांयकाल सेवन करें।२ . अर्जुनारिष्ट + अश्वगंधारिष्ट दोनो को मिला कर दो चम्मच बराबर जल मिला कर दिन में दो बार भोजन के बाद लें।३ . अकीक पिष्टी १०० मिग्रा. + मुक्तापिष्टी १२५ मिग्रा. + जहरमोहरा पिष्टी २०० मिग्रा + अर्जुन की छाल का महीन चूर्ण २५० मिग्रा. + प्रभाकर बटी २५० मिग्रा की एक गोली + सितोपलादि चूर्ण एक ग्राम ; इन सबको मिला कर कुल मात्रा की तीन बराबर पुड़िया बनाएं व दिन में तीन बार शहद के साथ सेवन कराएं, दवा को इसी अनुपात में बना कर रख लें व नियमित रूप से न्यूनतम छह माह सेवन कराएं यदि अधिक दिन भी सेवन कराया तो कोई नुकसान नहीं होगा। ये एकदम निरापद एवं हानिरहित उपचार हैं।

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