सोमवार, मई 19, 2008

नाक से कभी भी रक्त आने लगता है व लैट्रिन करते समय भी खून दिखा...

डाक्टर साहब नमस्ते, मैं एक छोटे से कस्बे निकल कर महानगर दिल्ली आया क्योंकि जिस कंपनी में नौकरी मिली उसने पहली पोस्टिंग दिल्ली में ही कर दी। चुंकि गरीब परिवार से रहा तो जब देखा कि कंपनी की ओर से अच्छे से अच्छा भोजन मुफ़्त में ही मिलता है तो मेरी ही गलती है कि मैं अपने आप को सम्हाल नहीं पाया और तेज चटपटे भोजन जैसे चिकन, मटन, मछली, अंडा आदि रोज ही भोजन में लगातार तीन माह से खाये चला जा रहा हूं। शाकाहारी भोजन को हाथ तक नहीं लगाया अब पिछले एक सप्ताह से मुझे नाक से कभी भी अचानक रक्त आने लगता है जैसे कि नक्सीर फूट जाती है। मुझे धूप में भी काफी घूमना पड़ जाता है सर्वे के सिलसिले में। हल्की सी सूखी खांसी है जिसमें कि कभी-कभी थूक के साथ रक्त की लालिमा दिखती है, भोजन के बाद देह में जलन सी होती है, सिर एकदम गर्म बना रहता है, प्यास बहुत लगती है, भोजन के बाद काफ़ी देर तक बेचैनी सी बनी रहती है, बदन एकदम ढीला सा हो जाता है, ऐसा लगता है कि गले में धुंआ भरा हो, कल तो मुझे लैट्रिन करते समय भी खून दिखा। मैं डर गया हूं और मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि मुझे क्या ये सब खाने के कारण हो रहा है या कोई अन्य कारण है। मुझे प्लीज तत्काल दवा बताइये। मैं कोई नशा नहीं करता हूं।
जय सिंह राजपूत,ओरछा
जयसिंह जी, आप इस बात से परेशान न हों आपको हुई बीमारी वाकई कोई गम्भीर बीमारी नहीं है पर गम्भीरता तब बढ़ सकती थी जब आप इसे अनदेखा कर देते। आपकी बीमारी को आयुर्वेद की भाषा में "रक्तपित्त" कहते हैं। आप अपने भोजन में सुधार करिये और मांसाहार बंद कर के शाकाहार अपनाइये वरना उपचार व्यर्थ हो जाएगा। मिर्च-मसालेदार भोजन से सख्त परहेज़ रखें। निम्न उपचार लीजिये--
१ . सितोपलादि चूर्ण २ ग्राम + प्रवाल पिष्टी २ रत्ती + रक्तपित्तांतक रस २ रत्ती + शुभ्रा भस्म २ रत्ती; इन सब को मिला कर एक खुराक बनाएं और दिन में तीन बार शहद और मिश्री के मिश्रण के संग सेवन करें।
२ . खस का शर्बत लाकर रखिये और दिन में जब ज्यादा प्यास लगे तो आधा-आधा गिलास इस शर्बत को हल्का-हल्का घूंट भर कर पीजिये।
३ . कामदुधा रस एक गोली दिन में दो बार वासारिष्ट के दो चम्मच के साथ लीजिये।
इस उपचार को एक माह तक जारी रखिये। आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे घबराइये मत।

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