गुरुवार, मई 22, 2008

ऐसे चकत्ते उभर आते हैं जैसे कि चींटी ने काट लिया हो....

डा.साहब नमस्कार, पिछले एक माह से मुझे कलाइयों,चेहरे,कमर और पेट पर ऐसे चकत्ते उभर आते हैं जैसे कि चींटी ने काट लिया हो ,इन ददोरों में जलन और खुजली भी बहुत देज होती रहती है। आठ-दस घंटों में ये अपने आप ठीक हो जाते हैं मेरी पत्नी इन पर नारियल के तेल में कपूर मिला कर लगा देती है इससे थोड़ी राहत मिलती है लेकिन पूरी तरह से ठीक नही होता है। हमारे घर आये एक मित्र ने बताया कि इसे शीतपित्त कहते हैं लेकिन आजकल तो गर्मी है फिर ये रोग तो सर्दियों में होना चाहिये। लेकिन अगर किसी भी कारण से हो ही गया है तो इसका इलाज क्या है क्योंकि अपने पड़ोस में जो डाक्टर हैं उनकी दवा पंद्रह दिन से खा रहा हूं लेकिन कोई फायदा नहीं है । आप ही कुछ उपाय बताएं। धन्यवाद
मोहर सिंह,दादरी
सिंह साहब,आपकी समस्या को देखा और अच्छी तरह से समझा। आपको स्पष्ट करना था कि शीतपित्त नामक बीमारी का सर्दी के मौसम से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि ये शरीर में खान-पान या विहार की गड़बड़ी के कारण धातुतिक्ति(HISTAMINE) नामक तत्त्व उत्पंन हो जाता है जिसके कारण त्वचा पर इस तरह के खुजली और जलन लिये चकत्ते उत्पंन हो जाते हैं लीजिये आपके लिये उपचार प्रस्तुत है-
१ . सर्पगन्धा का बारीक कपड़े से छना हुआ चूर्ण ५ ग्राम + मुक्ताशुक्ति भस्म ५ ग्राम इन दोनो को मिला कर घोंट लीजिये एवं एकसार हो जाने पर २५० मिग्रा. की मात्रा दिन में तीन बार जल से दीजिये।
२ . हरिद्राखण्ड नामक औषधि एक चम्मच दिन में दो बार चटाइये और जल पिला दीजिये।
आप यकीन मानिये एक सप्ताह तक दवा सेवन कर लेने के बाद आपको इस बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा और फिर शायद ही कभी जीवन में दुबारा हो।

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