शुक्रवार, मई 30, 2008

हल्का सा बुखार बना रहता है, हर रोज एक नया टैस्ट और नई दवा......

डाक्टर साहब,मेरी उम्र पैंतीस साल है और मैं पेशे से वकील हूं। पिछले दो माह से मुझे एकदम हल्का सा बुखार बना रहता है, थर्मामीटर से मापने पर ९९ से १०० के बीच ही रहता है न तो घटता है न ही बढ़ता है। डाक्टर हैं कि दुनिया भर के टैस्ट करा रहे हैं लेकिन समझ कुछ नहीं पाते बस हर रोज एक नया टैस्ट और नई दवा दे दिया जाता है। मैं तंग आ गया हूं साथ ही उपचार मंहगा होता जा रहा है। इन भले आदमियों ने तो मेरा एड्स का तक टैस्ट करा डाला। आप ही कुछ उपाय बताएं अब तो कमजोरी आने लगी है,घबराहट और बेचैनी बनी रहती है और कभी-कभी चक्कर भी आ जाता है। मैं मांसाहार भी करता हूं और कभी-कभी पान खाता हूं।
शैलेन्द्र सिंह, आगरा
सिंह साहब,आप जीर्ण ज्वर से पीड़ित हैं, आपके आसपास के चिकित्सक दोषों के कोप को समझ ही नहीं पा रहे हैं। मैं आपको जो दवाएं लिख रहा हूं उसे आप नियम से लीजिये और यकीन करिये कि आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी। इस तरह हल्का बुखार बहुत लम्बे समय तक बना रहना अत्यंत घातक हो सकता है। निम्न उपचार लीजिये--
१ . स्वर्णबसंतमालती रस १२५ मिग्रा. + प्रवाल भस्म १२५ मिग्रा. + चौंसठ प्रहरी पीपल १२५ मिग्रा. + गिलोय सत्त्व २५० मिग्रा. + सितोपलादि चूर्ण १ ग्राम ; इन सब को मिला कर एक खुराक बनाइये तथा शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन कराइये।
२ . जल में मिश्री मिला कर शर्बत बनाएं और दिन में कई बार प्यास लगने पर सेवन करें।
मांसाहार बंद कर दीजिये,पान कभी-कभी खा लेने में कोई हर्ज़ नहीं है। इस उपचार को लेने के तीन दिन के अंदर ही आपका बुखार गायब हो जाएगा किन्तु दोषों के पूरी तरह से शांत होने के लिये इक्कीस दिन तक लीजिये।

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