बुधवार, जून 18, 2008

जुखाम बना ही रहता है और........

सर में अपनी जुखाम से बहुत परेशान हूँ आज से लगभग 6 साल पहले मुझे typhoide हुआ था उस समय साथ साथ मुझे जुखाम भी हो गया था. जुखाम इतना हुआ की मेरे नाक से गंदगी के साथ साथ बहुत गन्दी बदबू आने लगी थी / एक कई दोक्टारो से दिखाया पर आराम नही मिला उन दवानिओं से बदबू तो बंद हो गई पर मुझे उसके बाद मै जुखाम बना ही रहा / कई इलाज करवा चुका हूँ अब तो गर्दन के पीछे की तरफ़ दर्द भी रहने लगा है/ आंखे भारी भारी रहती है / सिर भी भारी रहता है सारा शरीर भी परफेक्ट नही रहेता है शरीर भी भारी भारी रहता है / काम मै दिल नही लगता है / कई दोक्टोर्स से इलाज करवा चुका हूँ पर कही भी कुछ आराम नही दिखाई देता है एईलोपथिक और आयुर्वेदिक दवा भी खा चुका हूँ पर कुछ आराम नही है. आपसे अनुरोध है की किर्प्या करके कुछ मेरे लिए कारगर इलाज बताने की क्रीपा करे. आपकी महान किरपा होगी. रमेश मैथानी जोसीमाथ चमोली (उत्तराखंड)
रमेश जी आपने अपनी समस्या के बारे में आपने जो भी लिखा है वह ये बताने के लिये पर्याप्त है कि आपको कितनी परेशानी हो रही है। अब आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी। लीजिये समाधान प्रस्तुत है -
१ . आप १०० ग्राम खड़ी हल्दी की गांठे ले लीजिये और एक मिट्टी का छोटा सा मटका या घड़ा और अब इस घड़े में चूना लेकर ऐसी तह लगा दीजिये कि उसके ऊपर आप हल्दी की गांठें रख सकें तथा शेष रहा चूना इसके ऊपर तह लगा कर रख दीजिये और ऊपर से इतना पानी ऐसे डाल दीजिये कि ये सब डूब जाए लेकिन वो तहें न हिल पाएं। अब इसे ढंक कर किसी स्थान पर सुरक्षित रख दें चार पांच दिन में जब पानी सूख जाए तो हल्दी की गांठो को निकाल कर हाथ से रगड़ कर साफ़ कर लें फिर इसका बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को आधा चम्मच दिन में दो बार भोजन के बाद शहद से चाट लिया करें।
२ . नाक के दोनो छेदों में षड्बिन्दु तेल की छह-छह बूंदें दिन में दो बार डालिये।
३ . कपूर १० ग्राम + पिपरमिंट(जो पान में ठंडक के लिये पानवाले डालते हैं) १० ग्राम मिला कर एक बहुत टाइट ढक्कन की शीशी में रख दें ये मिल कर तेल बन जाएगें। इसे दिन में दो बार सिर के तालू में लगाइये।
बाजारू साफ़्ट ड्रिंक्स से परहेज़ करिये आपको तुरंत लाभ होगा।

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