मंगलवार, जून 10, 2008

सैरिब्रो स्पाइनल फ़्लुइड(cerebro spinal fluid) बढ़ा हुआ है।

डा.साहब नमस्ते, मेरे पापा की उम्र ४५ साल है। उन्हें पिछले दो माह से भयंकर चक्कर आया करते थे तो स्थानीय एम.डी. के पास ले जाने पर उसने तमाम जांच करीं और बताया कि सैरिब्रो स्पाइनल फ़्लुइड(cerebro spinal fluid) बढ़ा हुआ है। सलाह दी है कि इसके लिये पापा की रीढ़ की हड्डी में छेद कर पानी निकाला जाएगा जिसे सुन कर ही मेरी माता जी को बहुत कष्ट हो रहा है कि पता नहीं कैसी होगी ये प्रक्रिया और पापा को कितनी तकलीफ़ होगी। क्या आयुर्वेद में इसका कोई ऐसा इलाज है कि ये छेद करने के झंझट से बचा जा सके सिर्फ़ दवा खाकर ही बीमारी ठीक हो जाए। धन्यवाद
मोहित राज,फरीदाबाद
मोहित जी आपके पापा की समस्या के संबंध में आप अपनी माता जी को सर्वप्रथम आश्वस्त कर दीजिये कि आपके पापा को रीढ़ की हड्डी में छेद करके पानी निकलवाने के कष्टप्रद और खर्चीले आपरेशन से गुजरना नही पड़ेगा बल्कि वे मात्र मुंह से खाई जाने वाली औषधि से ही ठीक हो जाएंगे। आप नीचे लिखी दवाओं को एकत्र करके औषधि योग बना लें और उसका लगातार दो माह तक सेवन कराएं फिर उसके बाद जांच करवा लें यदि आवश्यकता हो तो औषधि एक माह और जारी रखें अन्यथा बंद कर दें--
१ . रस सिन्दूर २ ग्राम + जवाखार(यवक्षार) २ ग्राम + रेवतचीनी २ ग्राम + छोटी इलायची के दाने २ ग्राम + भारंगी २ ग्राम + तेजपत्र २ ग्राम + हरड़ २ ग्राम + इंद्रायण मूल २ ग्राम ; इन सब को लेकर जोर से खरल करें और मिश्रण तैयार हो जाने पर इसमें १५ ग्राम ताम्र भस्म तथा १५ ग्राम अभ्रक भस्म(साधारण) मिला लें। इस चूर्ण की एक-एक रत्ती मात्रा दिन में तीन बार दूध के साथ दें किन्तु ध्यान रहे कि खाली पेट दवा न दें। इस चूर्ण को अम्बुशोषण चूर्ण नाम से जाना जाता है। यह देह में पसीने की ग्रन्थियों, किडनी व आतों की क्रिया को बढ़ा कर मस्तिष्कगत बढ़े हुए जल को मल-मूत्र व पसीने से बाहर निकाल देता है।
आप अपने पिताजी को तेज मिर्च-मसालेदार आहार से परहेज करवाएं व औषधि सेवन काल में कोई नशा न करने दें साथ ही मांसाहार(अंडे भी) बंद करा दें।

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